Saturday 14 January 2012

Folk Dance of Nimad

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dkBh u`R; Kathi
काठी नृत्य मध्य प्रदेश के निमाड़ अंचल का एक प्रसिध्द लोक-नाट्य हैं, जिसे वलाही हरिजन समुदाय के लोग करते हैं नृत्य के पूर्व नर्तक काष्ठ निर्मित तथा वस्त्रों से सुसज्जित अपनी इष्ट देवीकाठी माता को पवित्र कर संस्कारानुसार पूजा करते हैं सम्भवतः इसी कारण इस नृत्य को काठी नाम से जाना जाता है तथा काठियावाड़ को इस नृत्य का जन्म स्थल माना जाता है काठी माता के आराधक  ‘भगतनाम से पुकारे जाते है इस नृत्य के प्रमुख पात्रराजुल्याकाठी माता को हाथ में लिए रहते हैं  तथाखोरदारथाली बजाकर इस नृत्य के संगीत को लय देता हैं नर्तकों के कमर में बंधे ढांक वाद्य यंत्र नृत्य की लय एवं संगीत को गतिमान बनाते हैं

x.kxkSj u`R; Gangour
गणगौर मध्य प्रदेश के निमाड़ अंचल का एवं दूसरे का हाथ पकडे़ वृत्ताकर घेरे में गौरी मॉं से अपने पति की दीर्घायु की प्रार्थना करती हुई नृत्य करती हैं इस नृत्य के गीतों का विषय शिव-पार्वती, ब्रम्हा- सावित्री तथा विष्णु-लक्ष्मी की प्रशंसा से भरा होता है यह प्रसिध्द नृत्य हैंजो पारम्परिक त्यौहार के रूप में मनाया जाता हैं गणगौर उत्सव तीज के अवसर पर चैत्र माह में शुरू होता हैं और नौ दिन तक चलता हैं। यह उत्सव मॉं पार्वती की प्रीति को समर्पित होता हैं झालरिया एवं मटकी गणगौर नृत्य, ढोल की थाप पर होता हैं इस नृत्य में गौरी एवं शिव जिन्हें वहां की परम्परा मेंरेनू-धनियारके नाम से जाना जाता है को रथ पर बैठाया जाता हैं नर्तकियॉं एक दूसरे का हाथ पकडे़ वृत्ताकर घेरे में गौरी मॉं से अपने पति की दीर्घायु की प्रार्थना करती हुई नृत्य करती हैं इस नृत्य के गीतों का विषय शिव-पार्वती, ब्रम्हा-सावित्री तथा विष्णु-लक्ष्मी की प्रशंसा से भरा होता हैं  

yg¡xh u`R; Lehangi


 

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